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Sunday, May 24, 2009

Apna Ghar Sambhal Tu

This one is for neighbour country which has got into a trouble generated by itself

दूसरो के घर में दखल देने वाले
लाखो घुसपैठियों को अक़ल देने वाले
अपने दिमाग से ये फितूर निकाल तू
दूसरो से पहले अपना घर संभाल तू

तुने दूसरे के घर पे पत्थर बरसाए है
बुर्को में छुपा के आतंकी भिजवाये है
हमने भी ऐसे गीदडो को मौत के घाट उतरा है
भय मुक्त देश बनेगा , अब संकल्प हमारा है
तेरे नापाक इरादों का होगा अंत ये जान तू
दूसरो से पहले अपना घर संभाल तू

पाले जो संपोले आज वो भुजंग विषधर है
उस विष की अग्नि में जलता तेरा ही घर है
समझा जिसे गुलाम आज आका बन जाने को है
आतंक का ये अजगर तेरा वतन निगल जाने को है
सीख अपनी ही गलती से, मत और सांप पाल तू
दूसरो से पहले अपना घर संभाल तू

तेरे नापाक मंसूबो ने कितना खून बहाया है
खाए वार पीठ पे हमने,न हथियाएर उठाया है
जिस दिन उठे ये हाथ फिर तू कहा बच पायेगा
तेरा नामो निशान दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा
अपना न सही तो कर कुछ अपनों का ख़याल तू
दूसरो से पहले अपना घर संभाल तू

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