In todays fast world whenever one closes his eyes its only himslef , its my career , my life and my ambitions , There is no time to think about others.
Lets come out from self , may be just for few moments and think about some one else, one may not be able to change some ones life but one can certainly make some ones day :)
दिए तो देंगे सिर्फ बाहिरी रौशनी
मुस्कुरा के कभी कोई दिल रोशन करो
निकलो शहर की चकाचौंध से दूर
कभी जगमाते जुगनुओ का पीछा करो
पाया है बहुत कुछ जिंदगी में तुमने
अब चलो ख़ुद को हासिल करो
आज न मिले ठिकाना न सही
कभी इस राह को ही मंजिल करो
प्यारी है अपनी खुशी सबको
कभी औरो की हँसी की चाहत करो
दोस्तों के लिए है जान भी हाजिर
कभी दुश्मन से भी मोहब्बत करो
Thursday, February 12, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment