Visit blogadda.com to discover Indian blogs sa(u)ransh: A part of Me !: Tera Karam

Monday, October 19, 2009

Tera Karam

न भटके हुजूम मंदिर मस्जिद में
हर इंसान में तेरा अक्स नजर आये
जरुरत न रहे काशी और काबे की
हर राह दुनिया की हज बन जाए
फिर न कभी दिल तेरे दरस को तरसे
अबकी ऐसा तेरा करम बरसे

सुबह और शाम आते जाते रहे
हर वक़्त तेरे सजदे में झुके नजर
चारों और दिखे तेरा ही नजारा
तेरे दर पे रुके मेरी हर एक डगर
तेरा ख्याल हो न जुदा इस दिल से
अबकी ऐसा तेरा करम बरसे

न हो इंतज़ार आरती और अजान का
सब नामो में तेरा नाम सुनने की आदत हो
समां जाए दिलो दिमाग में तू इस कदर
हर ख़याल मेरे जहन का तेरी इबादत हो
मेरी बंदगी के चर्चे हो तेरे दर पे
अबकी ऐसा तेरा करम बरसे

हो फिजाओं में भाईचारा और मोहब्बत
फिर न उठे आँसुओ का समंदर
नाफ्रातो की आंधियो का न वजूद हो
न हो जंग फिर किसी का मुक्कादर
जहा में हो दीन e अमन फिर से
अबकी ऐसा तेरा करम बरसे

4 comments:

Sandeep Khedkar said...

Excellent!!!

Saurabh said...

thnkx sandeep, my first one wid sufi touch !

Sidharth said...

Good one Saurabh

Sandeep D said...

this one's awesome :)