In 60 hours total 14 officers from police, ATS & NSG gave their lives to save innocent people . Will it be enough to only pay tribute to these heroes .... This may be the first of our duty toward these bravehearts but definetly not the last.
बड़ा खूब है ये रंग - ऐ - शहादत
लाल हरा नीला पीला
सब रंग इसके सामने फीके है
इसकी चटक है सुर्ख गुलाब
सादगी सफ़ेद कमल सरीके है
दोस्त ही नही करे दुश्मन भी सलाम
इसे देख हो आरजू - ऐ- इबादत
बड़ा खूब है ये रंग - ऐ - शहादत
नही मिलता ये सारे बाजार
सिर्फ़ नसीबो वाले ही इसे पाते है
नही खेल है ये बच्चों का
इससे खेलने वाले जान पे खेल जाते है
सोना चाँदी हीरे मोती का कुछ मोल नही
शहीद चुकाते है खून से इसकी कीमत
बड़ा खूब है ये रंग - ऐ - शहादत
इस रंग का चोला पहनकर
सरफिरे वतन पर जान गंवाते है
रखने को तिरंगा उंचा हमेशा
हँसते हँसते सर कटवाते है
सिखाया इसने जीना बनकर शान - ऐ - वतन
और मरते दम तक करना हिफाजत
बड़ा खूब है ये रंग - ऐ - शहादत
कभी ये भिगोये माँ का आँचल
कभी बहन की आँख भिगोता है
फिर हो कच्चे धागे या जंजीर कोई
ये सबको दुःख की सुई में पिरोता है
इसे नही परवाह रिश्तो नातों की
सिर्फ़ वतन से हो रश्म - ऐ - मोहब्बत
बड़ा खूब है ये रंग - ऐ - शहादत
चढ़ जाए जिसपे ये रंग
वो मर कर भी अमर हो जाता है
भले ही हो लाखों इन्द्रधनुष यहाँ
ये है पक्का रंग , अलग छाप छोड़ जाता है
इसकी खुशबु रहे हवा में हमेशा
चाहे हो अघाज़-ऐ-जहाँ या मंजर-ऐ-क़यामत
बड़ा खूब है ये रंग - ऐ - शहादत
No comments:
Post a Comment